‘राजस्थान का एकीकरण’ एक महत्वपूर्ण बिन्दु है जिसमे अनेक प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न समाहित है | अत: अभ्यर्थी इन सभी नोट्स को भली भांति आचमन करे |
स्वतंत्रता से पूर्व भारत में 562 देशी रियासते व 3 ठिकाने –
1. नीमराणा [अलवर]
2. कुशलगढ़[बांसवाडा]
3. लावा [टोंक] थे |
राजस्थान में 19 रियासते, 3 ठिकाने व 1 अंग्रेज शासित प्रदेश था |
रियासते : 1. जयपुर
2. उदयपुर
3. जोधपुर
4. बीकानेर
5. जैसलमेर
6. झालावाड
7. बूंदी
8. कोटा
9. भरतपुर
10. डूंगरपुर
11. प्रतापगढ़
12. बांसवाडा
13. धोलपुर
14. अलवर
15. करौली
16. सिरोही
17. शाहपुरा
18. टोंक
19. किशनगढ़ ठिकाने : नीमराणा [जिला अलवर], कुशलगढ़ [जिला बांसवाडा], लावा [जिला टोंक]
- अजमेर – मेरवाडा अंग्रेज शासित प्रदेश था |
- लॉर्ड माउन्टबेटन ने 4 जून, 1947 ई. को भारत के विभाजन की घोषणा की |
- देशी रियासतों को यह अधिकार दिया गया की वे भारत संघ में मिले या पकिस्तान में या अपना स्वतंत्रता अस्तित्व रखे – यह उनकी इच्छा पर है |
- 5जुलाई, 1947ई. को सरदार वल्लभ भाई पटेल की अध्यक्षता में एक रियासती सचिवालय स्थापित किया गया | वी.पी. मेनन इस सचिवालय के सचिव बने |
- राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पुरा हुआ |
- 18 मार्च 1948ई. को के.एम.मुन्शी के कहने पर प्रथम चरण में मत्स्य संघ बना |
- मत्स्य संघ के उदघाटन कर्त्ता नारायण विष्णु हरि गाडगिल थे |
- इस संघ में सम्मिलित होने वाले राज्य थे – धोलपुर, भरतपुर, अलवर, करौली रियासते व नीमराणा ठिकाणा था |
- मत्स्य संघ के प्रधानमंत्री बने थे – शोभाराम कुमावत [कुम्हार] |
- के.एम.मुन्शी के सुझाव पर ‘मत्स्य संघ’ नाम रखा गया |
- मत्स्य संघ के उप प्रधानमन्त्री थे – पं.युगल किशोर चतुर्वेदी जिन्हें राजस्थान का नेहरु कहा जाता है |
- द्वितीय चरण में राजस्थान संघ बना |
- इसका उद्घाटन 25मार्च, 1948 को हुआ |
- इसका उद्घाटन कर्त्ता भी एन.वी.गाडगिल ही थे |
- इस संघ में सम्मिलित होने वाले राज्य थे- टोंक, प्रतापगढ़, बांसवाडा, झालवाड़, बूंदी, कोटा, डूंगरपुर, किशनगढ़, शाहपुरा तथा कुशलगढ़ ठिकाने |
- मत्स्य संघ की राजधानी अलवर थी तो राजस्थान संघ की राजधानी कोटा थी |
- मत्स्य संघ के संवैधानिक प्रमुख थे धौलपुर शासक उदयमान सिंह उदयमान सिंह थे तो राजस्थान संघ के संवैधानिक प्रमुख थे – कोटा शासक महाराव भीम सिंह द्वितीय |
- राजस्थान संघ के उपराज प्रमुख बहादुर सिंह [बूंदी] थे |
- प्रधानमंत्री थे शाहपुर [भीलवाडा] से गोकूल लाल असावा |
- तृतीय चरण का उद्घाटन जवाहर लाल नेहरु ने 18 अप्रैल, 1948ई. को किया |
- इसमें राजस्थान संघ व मेवाड़ को शामिल किया गया |
- इसकी राजधानी उदयपुर थी |
- इसके संवैधानिक प्रमुख थे – माणिक्यलाल वर्मा जिन्हें मेवाड़ का गाँधी कहा जाता है |
- उपराज प्रमुख कोटा के महाराज भीम सिंह थे |
- चतुर्थ चरण में वृहद राजस्थान का उद्घाटन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 30 मार्च, 1949ई. को किया |
- इसमें शामिल होने वाले राज्य थे जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर व संयुक्त राजस्थान |
- राजधानी थी – जयपुर |
- प्रमुख बने – भूपाल सिंह महाराज [उदयपुर]
- राजप्रमुख बने – महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय [जयपुर]
- प्रधानमन्त्री बने – हीरालाल शास्त्री [जयपुर] |
- चूँकि इस चरण तक अर्थात 30 मार्च, 1949 तक अधिकांश राज्यों का विलय हो गया था इसलिए 30 मार्च प्रतिवर्ष ‘राजस्थान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है |
- विदित रहे की सत्य नारायण राव समिति की सिफारिश पर इसकी राजधानी जयपुर बनी |
- पंचम चरण में संयुक्त वृहद राजस्थान का उद्घाटन 15 मई 1949ई. को हुआ | इसमें सम्मिलित होने वाले राज्य थे वृहद राजस्थान, मत्स्य संघ |
- इसकी राजधानी जयपुर को बनाया गया | प्रधानमन्त्री पद समाप्त कर दिया गया | इसकी जगह मुख्यमंत्री पद का सृजन हुआ |
- प्रथम मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री बने जो की राजस्थान के प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री थे |
- राजप्रमुख सवाई मान सिंह द्वितीय थे |
- छठे चरण का उद्घाटन संयुक्त वृहद राजस्थान के साथ हुआ दिनांक 26 जनवरी 1950. इसमें आबू व देलवाडा तहसील को छोडकर सिरोही का विलय हुआ |
- राजधानी जयपुर घोषित हुई तथा राजप्रमुख मान सिंह द्वितीय को बनाया गया |
- यही से राज्य को संवैधानिक व विधिगत रूप से राजस्थान नाम दिया गया |
- सप्तप चरण का उद्घाटन 1 नवम्बर 1956ई. को हुआ |
- इसमें आबू व देलवाडा तहसील, अजमेर – मेरवाडा प्रदेश व सुनेल टप्पा का राजस्थान में विलय हुआ |
- राजधानी जयपुर व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया बने |
- अब राजप्रमुख का पद समाप्त कर इसकी जगह राज्यपाल को दी गई | राज्यपाल पद का सृजन होते ही गुरुमुख निहाल सिंह प्रथम राज्यपाल बने |
- सम्पूर्ण भारत को एक कारण का श्रेय जहाँ लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है वही राजस्थान के सन्दर्भ में बात करे तो राजस्थान के एकीकरण में भी उनका योगदान रहा है | एकीकरण में भी उनका योगदान रहा है | सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत का बिस्मार्क कहा जाता है |
- राजस्थान के एकीकरण की शुरुआत 18 मार्च 1948 से शुरू होती है व 1 नवम्बर 1956 को समाप्त होती है |
- एकीकरण में 8 वर्ष 7 मास 14दीन का समय लगा |
- राजस्थान की प्रथम विधानसभा का गठन 29 फरवरी 1952 को हुआ |
- राजस्थान की प्रथम विधानसभा में 160 सदस्य थे |
- राजस्थान के प्रथम लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित होने वाले प्रमुख मुख्यमंत्री थे टिकाराम पालीवाल |
- राजस्थान विधानसभा के प्रथम स्पीकर थे नरोत्तम लाल जोशी | इस समय राजस्थान विधानसभा के स्पीकर है सी.पी.जोशी |
- 1953 में गठित फजल अली आयोग की सिफारिश पर राज्य का पुनर्गठन किया गया जिसकी सिफारिश 1.नवम्बर 1956 को की गई |
- जोधपुर का शासक हणुत सिंह पकिस्तान में मिलना चाहता था, परन्तु वी.पी.मेनन व लॉर्ड माउन्ट बेटन की चतुराई के कारण वह भारत में मिलने को राजी हुआ |
- बांसवाडा के महारावल चन्द्र वीर सिंह ने राजस्थान संघ में मिलते समय कहा की में अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ |
- नवगठित राजस्थान में कुल 25 जिले थे तथा पाँच सम्भाग – जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर व कोटा थे |
- अजमेर के राजस्थान का 26वां जिला बनते ही 6 सम्भाग हो गये |
- 1982 में धौलपुर राजस्थान का 27वां जिला बना |
- मोहनलाल सुखाडिया सरकार ने 1962 में सम्भागीय व्यवस्था पर रोक लगा दी थी |
- 26 जनवरी, 1987 में हरिदेश जोशी सरकार ने राज्य को पुन: सम्भागो में बाँटा |
- 1991 में बारां, दौसा व राजसमंद नऐ जिले बने |
- 1994 में हनुमानगढ़ राज्य का 31वां जिला बना |
- 1997 में करौली राज्य का 32 वां जिला बना |
- परमेशचंद कमेटी की सिफारिश पर प्रतापगढ़ 33वां जिला 2008 में बना |
- सातवें सम्भाग भरतपुर के निर्माण की सूचना 2005 में जारी हुई |
राजस्थान के एकीकरण के समय
रियासतों के शासक
- मारवाड़ [जोधपुर] – महाराजा हनुवंत सिंह [हणुत सिंह]
- मेवाड़ [उदयपुर] – महाराणा भूपाल सिंह
- जयपुर – महाराजा सवाई मानसिंह IInd
- बीकानेर – महाराजा शार्दूल सिंह
- कोटा – महाराव भीम सिंह IInd
- जैसलमेर – महारावल जवाहर सिंह
- अलवर – महाराजा तेजसिंह
- बूंदी – महाराव बहादुर सिंह
- झालावाड – राज राणा हरिशचंद्र
- बांसवाडा – महारावल चन्द्र मान सिंह
- सिरोही – महाराजा अभय सिंह
- धौलपुर – महाराजा उदयमान सिंह
- डूंगरपुर – महारावल लक्ष्मण सिंह
- प्रतापगढ़ – महारावल राम सिंह
- शाहपुरा – महाराजा सुदर्शन देव
- किशनगढ़ – महाराजा सुमेर सिंह
- भरतपुर – महाराजा बृजेन्द्र सिंह
- टोंक – नवाब हाफिज सआदत अली खां
- जनसंख्या की द्रष्टि से सबसे बड़ी रियासत जयपुर थी तो सबसे छोटी रियासत शाहपुरा थी |
- क्षैत्रफल की द्रष्टि से सबसे बड़ी रियासत जोधपुर थी तो सबसे छोटी रियासत शाहपुरा थी|
- सबसे प्राचीन रियासत मेवाड़ थी तो नवीन व अंतिम रियासत झालावाड थी |
- झालावाड रियासत एकमात्र ऐसी रियासत थी जिसका निर्माण अंग्रेजो ने किया था |
- सबसे अन्त में राज्य में शामिल होने वाली रियासत सिरोही थी |