भारत का राष्ट्रपति | RAS | PRE | MAINS

Published on November 29, 2022 by Abhishek Shekhawat |
Last Updated on March 14, 2023 by Abhishek Shekhawat
प्रारंभिक परीक्षा के लिए संवैधानिक प्रावधान राष्ट्रपति से सम्बंधितमुख्य परीक्षा के लिए-  राष्ट्रपति व शक्तियां (Paper-3)परिचय:-  भारतीय राष्ट्रपति राज्य का मुखिया होता है और उसे भारत का प्रथम नागरिक भी कहा जाता है |              राष्ट्र की एकता और अखंडता के प्रतीक है |अनुच्छेद:- राष्ट्रपति से सम्बंधित प्रावधान संविधान के भाग-V के अनुच्छेद 52-78 में वर्णित है |               अनुच्छेद 123 में अध्यादेश प्रख्यापित करने की शक्ति डी गई है |राष्ट्रपति का चुनाव:- भारतीय राष्ट्रपति के लिये कोई प्रत्यक्ष चुनाव नहीं होता है |निर्वाचक मंडल के सदस्य :-
  1. संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य (मनोनीत नही)
  2. राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्य (विधानपरिषद् नही)
  3. केन्द्रशासित प्रदेशो दिल्ली और पुंडूचेरी की विधानसभाएं
वोट का मूल्य:-
  1. एक विधायक के मत का मूल्य = (राज्य की कुल जनसँख्या / राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्य) *  (1/100)
  1. एक सांसद के मत का मूल्य = सभी राज्यों के विधायक के मतो का कुल मूल्य
                                              संसद के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या
  • राष्ट्रपति चुनाव से सबंधित सभी विवादों की जाँच व फैसले उच्चतम न्यायालय में होते है तथा उनका फैसला अंतिम होता है |
  • राष्ट्रपति के चुनाव को इस आधार पर चुनौती नही डी जा सकती की निर्वाचक मंडल अपूर्ण है (किसी सदस्य का पद रिक्त होने पर)
राष्ट्रपति पद की अर्हताएं :-
  1. वह भारत का नागरिक हो (प्राकृतिक या पंजीकृत)
  2. वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो |
  3. लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने की शर्तो को पूरा करना चाहिए |
  4. केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक प्राधिकरण के अधीन लाभ का पद नहीं धारण करना चाहिए |
शर्ते:-
  1. उसे न तो संसद का सदस्य होना चाहिए न ही विधानमंडल का यदि कोई ऐसा व्यक्ति निर्वाचित होता है तो उसे पद ग्रहण करने से पूर्व उस सदन से त्यागपत्र देना होगा
  2. उसे किसी लाभ के पद पर नही होना चाहिए
  3. उसे संसद द्वारा निर्धारित उपलब्धियों, भत्ते और विशेषाधिकार प्राप्त होगे |
  4. संसद उसके कार्यकाल के दौरान उसकी उपलब्धियों और भत्तो को कम नही कर सकती |
उन्मुक्तियाँ और विशेषाधिकार :-
  1. उन्हें अपने पदीय कर्तव्य के संदर्भ में किये गये कार्य के लिये किसी न्यायालय में उत्तरदायी नही ठहराया जा सकता |
  2. कार्यकाल के दौरान किसी भी अपराधिक कार्यवाही से छूट |
  3. कार्यकाल के दौरान किसी न्यायालय द्वारा गिरफ़्तारी और कारावास का आदेश जारी नही किया जा सकता है|
कार्यकाल :-  5 वर्ष                त्यागपत्र उप राष्ट्रपति को दे सकता है                वह इस पद पर पुन: निर्वाचित हो सकता हैमहाभियोग:- भारतीय राष्ट्रपति पर ‘संविधान का उल्लंघन’ करने पर महाभियोग चलाकर उसे पद से हटाया जा सकता है |
  • संविधान में ‘संविधान का उल्लंघन’ पद की परिभाषा नही दी गई |
  1. महाभियोग संसद के किसी भी सदन में प्रारंभ किया जा सकता है |
  2. जिस सदन ने आरोप लगाया है उसके ¼ सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिय (14 दिन का पूर्व नोटिस)
  3. महाभियोग का प्रस्ताव 2/3 बहुमत से पारित होने के पश्चात दूसरे सदन में भेजा जाता है जिसे इन आरोपों की जांच करनी होती है |
  4. यदि दूसरा सदन आरोपों को सही पाता है और प्रस्ताव 2/3 बहुमत से पारित कर देता है तो राष्ट्रपति को प्रस्ताव पारित होने की तिथि से पद से हटना होगा |
NOTE- (राष्ट्रपति का इस प्रक्रिया में शामिल होने और प्रतिनिधित्व करने का अधिकार है )भारत के राष्ट्रपति की शक्तियों :-कार्यकारी शक्तियों :-  
  1. भारत सरकार की प्रत्येक कार्यकारी कारवाई राष्ट्रपति के नाम से होती है |
  2. भारत के अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति करता है और पारिश्रमिक निर्धारित करता है |
  3. निम्न लोगो को नियुक्त करता है :-
(A) भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG)(B) मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त(C) संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य(D) राज्य के राज्यपाल(E) वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्य(F) राष्ट्रीय आयोगों की नियुक्ति करता है :-      (a) अनुसूचित जाति आयोग      (b) राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग      (c) राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग       (G) अन्तर्राज्यीय परिषद्       (H) वह केन्द्रशासित प्रदेशो के प्रशासको की नियुक्ति करता है |राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां:-
  1. वह संसद का सत्र आहूत करता है और सत्रावसान करता है |
  2. गतिरोध की स्थिति में संयुक्त बैठक बुलाता है |
  3. राज्य सभा के 12 सदस्य तथा लोकसभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के 2 सदस्यों को मनोनीत करता है |
  4. अध्यादेश प्रख्यापित करता है (अनु.123)
राष्ट्रपति की वित्तीय शक्तियों :-
  1. धन विधेयक पेश करने से पूर्व, सिफारिश की आवश्यकता
  2. भारत की आकस्मिकता नीधि का नियंत्रण
  3. अनुदान की मांग की सिफारिश
  4. हर पाँच साल के लिए वित्त आयोग का गठन
राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियों :-
  1. मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च / उच्च न्यायालय के न्यायधीशो की नियुक्ति |
  2. सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेता है हालाँकि बाध्यकारी नही |
  3. क्षमा करने की शक्ति |(अनु.72)
– राष्ट्रपति अंतराष्ट्रीय मंचो पर भारत का प्रतिनिधि होता है |– राष्ट्रपति, भारत के रक्षा बलों का सुप्रीम कमांडर होता है |– भारतीय संविधान द्वारा दी गई आपात स्थितियों से निपटते है | (अनुच्छेद 352,356 & 365, 360) अनुच्छेद 123 के तहत राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति दी गई है | 

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