
Abhishek Shekhawat
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संविधान की प्रस्तावना | RAS | PRE | MAINS
Published on December 21, 2022 by Abhishek Shekhawat |
Last Updated on March 14, 2023 by Abhishek Shekhawat
संविधान की प्रस्तावना / उद्देशिका
हम भारत के लोग भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिये तथा उसके समस्त नागरिको को :सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिये,तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा औरराष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिये दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, सवंत दो हजार छ विक्रमी) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्म समर्पित करते है |- भारतीय संविधान की प्रस्तावना, 13 दिसंबर 1946 को पंडित नेहरु द्वारा पेश किए गए उद्देश्य प्रस्ताव पर आधारित है जिसे संविधान सभा ने 22 जनवरी 1947 को अपनाया था |
- अमेरिकी संविधान, पहला संविधान है जिसकी शुरुआत प्रस्तावना से हुई
- 42वें संविधान संशोधन – अभी तक प्रस्तावना में एक ही बार संशोधन किया गया |
- “हम भारत के लोग” से तात्पर्य है की संविधान का निर्माण भारत के लोगो के द्वारा और भारतीय लोगो के लिये किया गया है यह “लोकप्रिय संप्रभुता की अवधारणा” पर जोर देता है |
- इसे “भारतीय संविधान की आत्मा” भी कहा जाता है |
- अनु.368 के तहत मूल विशेषताओ में बदलाव किये बिना प्रस्तावना में संशोधन किया जा सकता है |