
Abhishek Shekhawat
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संविधान संशोधन | RAS | PRE | MAINS
Published on December 8, 2022 by Abhishek Shekhawat |संविधान संशोधन
Last Updated on March 14, 2023 by Abhishek Shekhawat
- भारत के संविधान में संशोधन करने का मुख्य उद्देश्य देश के मौलिक कानूनों को बदलाव के माध्यम से ओर मजबूत करना है |
- संविधान के भाग XX में संशोधन की प्रक्रिया दी गई है (अनु. 368)
- संविधान संशोधन के प्रावधान दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिये गए है |
- संविधान संशोधन की प्रक्रिया न तो बहुत लचीली है न ही बहुत कठोर है बल्कि इनका सम्मिलित रूप है|
- संविधान संशोधन विधेयक को संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है |
- इसे मंत्री या निजी सदस्य, किसी के भी द्वारा लाया जा सकता है |
- ऐसे विधेयक को प्रस्तुत करने के लिये राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नही होती है |
- विधेयक को पारित करने के लिये विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है अर्थात् सदन के कुल सदस्यों का बहुमत + सदन में उपस्थित व मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3 बहुमत (50% + उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3)
- संघात्मक प्रावधानों से संबंधित संशोधन के लिये विशेष बहुमत तथा आधे राज्यों की विधानमंडल के साधारण बहुमत से संस्तुति जरुरी होती है |
- दोनों सदनों द्वारा विधेयक को विशेष बहुमत से पारित किया जाना आवश्यक होता है |
- संविधान संशोधन विधेयक पर सदनों की संयुक्त बैठक का प्रावधान नही है |
- 24 वें संविधान संशोधन के द्वारा अनुच्छेद 368 में संशोधन करके यह प्रावधान किया गया की संसद, संविधान के किसी भी प्रावधान को संशोधन कर सकती है | तथा यह भी प्रावधान किया गया की राष्ट्रपति दोनों सदनों से पारित संविधान संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिये बाध्य है |
- राज्य विधानमंडल में संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत नही किया जा सकता है |
- यह एक सामान्य कानून पारित करने के ही समान है |
- ऐसे संशोधनों को अनुच्छेद 368 के तहत किया गया संशोधन नही माना जाता है |
- सदन के कुल सदस्यों का बहुमत और प्रत्येक सदन के उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3 बहुमत |
- विशेष बहुमत और आधे राज्यों के विधानमंडल के साधारण बहुमत |
- ज्यादातर संघीय प्रावधानों को इसी प्रक्रिया द्वारा संशोधित किया जाता है |
- राष्ट्रपति का निर्वाचन और निर्वाचन की रीति (अनु.54,55)
- सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय (अनु.124,214)
- केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियां का वितरण
- सातवीं अनुसूची
- संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व